राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने आचार्य की सन्निधि में हर्षित होकर कहा कि ऐसे संत नैतिक मूल्यों के उदाहरण है। इनके सामीप्य व दर्शन से साल भर के लिए बैट्री चार्ज हो जाती है। इसलिए साल में एक बार दर्शन करने जरूर आता हूं। और आगे भी आने का मन रखता हूं। डॉ. भागवत ने नैतिक मूल्यों के विकास के संदर्भ में कहा कि चारित्र के बिना देश का विकास असंभव है। व्यक्ति को विवेकपूर्ण तरीके से अपनी क्रिया करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के विकास से ही विश्व का विकास संभव है।