महाश्रमण ने कहा

1. तुम कार्यकर्ता बनना चाहते हो यह अच्छी बात हो सकती है पर तुम यह सोचो तुम्हारा अपने काम, क्रोध व भय पर नियंत्रण है या नहीं | - आचार्य श्री महाश्रमण 2. यदि यह आस्था हो जाए कि मूर्तिपूजा करना, द्रव्यपूजा करना धर्म है तो वह तेरापंथ की मान्यता के अनुसार बिल्कुल गलत है | हमारे अनुसार यह सम्यक्त्व को दूषित करने वाला तत्व है | - परमश्रद्धेय आचार्यश्री महाश्रमणजी 3. जो भी घटना घटित हो, उसे केवल देखना सीखे, उसके साथ जुड़े नहीं | जो व्यक्ति घटना के साथ खुद को जोड़ देता है, वह दु:खी बन जाता है और जो द्रष्टा ( viewer ) भाव से घटना को देखता है, वह दुःख मुक्त रहता है | ~आचार्य श्री महाश्रमणजी

Saturday, 4 August 2012

आचार्य के दर्शन से बैट्री चार्ज: मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने आचार्य की सन्निधि में हर्षित होकर कहा कि ऐसे संत नैतिक मूल्यों के उदाहरण है। इनके सामीप्य व दर्शन से साल भर के लिए बैट्री चार्ज हो जाती है। इसलिए साल में एक बार दर्शन करने जरूर आता हूं। और आगे भी आने का मन रखता हूं। डॉ. भागवत ने नैतिक मूल्यों के विकास के संदर्भ में कहा कि चारित्र के बिना देश का विकास असंभव है। व्यक्ति को विवेकपूर्ण तरीके से अपनी क्रिया करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के विकास से ही विश्व का विकास संभव है।